बेहतर है आंसुओं को मोती बने ही रहने दूँ
जो किसी के सामने भर आयी आंखें, तो आंसूं पानी ना बन जाए
बेहतर है जज्बातों को अपने तक ही रहने दूँ
जो बता दिए किसी बेकदर को, इनकी कदर ना कम हो जाए
बेहतर है ज़िन्दगी को अपने तरीके से जीने दूँ
जो किसी और को थमा दी ज़िन्दगी, तो ज़िन्दगी जीना न भूल जाए
बेहतर है ज़िन्दगी को सपने में ही रहने दूँ
आंख खुली कभी तो ज़िन्दगी कटने तक न रह जाये
जो किसी के सामने भर आयी आंखें, तो आंसूं पानी ना बन जाए
बेहतर है जज्बातों को अपने तक ही रहने दूँ
जो बता दिए किसी बेकदर को, इनकी कदर ना कम हो जाए
बेहतर है ज़िन्दगी को अपने तरीके से जीने दूँ
जो किसी और को थमा दी ज़िन्दगी, तो ज़िन्दगी जीना न भूल जाए
बेहतर है ज़िन्दगी को सपने में ही रहने दूँ
आंख खुली कभी तो ज़िन्दगी कटने तक न रह जाये
have no words....
ReplyDeleteThnks :)
DeleteEach line is amazing.
ReplyDeleteUsage of each word fits so well.
Thnks Nishant
Deletesalute u..superb
ReplyDeleteThnku :)
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