ये दुनिया की राहें मुझे बांध लेती है
मैं छूट जाऊ जब इनसे तो उड़ पाती हूँ
अपने दिल की सुन लूँ तो आगे बढ़ पाती हूँ
एक ही रास्ते पर हर कोई तो नहीं चल सकता
कोई अलग बना लूँ रास्ता तो क्या गलत है
जो किसी एक ने कर लिया हासिल हर कोई तो नहीं कर सकता
किसी और चीज़ की हो चाहत तो क्या गलत है
दुनिया में ही रहना है जानती हूँ मैं
पर अपने तरीके से जी लूँ तो क्या गलत है
मुझे नहीं दोडना दुनिया की दिशा हीन सी दोड़ में
आराम से चल कर पार कर लूँ रास्ते तो क्या गलत है
मैं छूट जाऊ जब इनसे तो उड़ पाती हूँ
अपने दिल की सुन लूँ तो आगे बढ़ पाती हूँ
एक ही रास्ते पर हर कोई तो नहीं चल सकता
कोई अलग बना लूँ रास्ता तो क्या गलत है
जो किसी एक ने कर लिया हासिल हर कोई तो नहीं कर सकता
किसी और चीज़ की हो चाहत तो क्या गलत है
दुनिया में ही रहना है जानती हूँ मैं
पर अपने तरीके से जी लूँ तो क्या गलत है
मुझे नहीं दोडना दुनिया की दिशा हीन सी दोड़ में
आराम से चल कर पार कर लूँ रास्ते तो क्या गलत है
mam autograph plz ....
ReplyDeletehats off!!!!
ReplyDeleteThnks aman n avnish
ReplyDeleteare autograph toh mujhe mila hi nahin
ReplyDeleteautograph email se kaise send kr skti hun...jab miloge tab dungi autograph
ReplyDeleteDis is awsum..realy u write so well :-)
ReplyDeletelast lines are too good razia, araam se chal kar raasta paar kar lun to kya galat hai......very nice.
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