अधूरे छूटे शब्धो को जो वो पूरा करदे
बेरंग से पड़े है गीत कुछ, उनमे जो रंग भर दे
अनकही सी बातें कुछ यूँ बिना कहें ही हो जाएं
रुक जाए बात जो होठों पर, वो बात वो ही करदे
बेरंग से पड़े है गीत कुछ, उनमे जो रंग भर दे
अनकही सी बातें कुछ यूँ बिना कहें ही हो जाएं
रुक जाए बात जो होठों पर, वो बात वो ही करदे
wah razia....
ReplyDeleteThnks savi
DeleteDeep meang...realy impressd
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