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Wednesday 5 February 2014

ख़ाब अब भी अधूरे है

कभी कभी हम कुछ ख़ाब देखते है
और एक दिन हमे लगता है वो ख़ाब पुरे हो गए
पर उसे पता है के ख़ाब अब भी अधूरे है

मुस्कराहट नहीं है होठो पर तो ख़ाब अब भी अधूरे है
बेचेन है जो मन तो ख़ाब अब भी अधूरे है
तलाश है आँखों को किसी की तो ख़ाब अब भी अधूरे है
सवालों के जवाब जो पास नहीं तो ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है

हाथ में है वो सब जिसकी चाहत थी कभी
पर पास में वो नहीं जिसे चाहा करते थे
कुछ वो शख्स मिले जिनसे मिलने का सपना था कभी
पर वो कुछ चेहरे नहीं जिन संग मुस्कराया करते थे
उस मुकाम पे पहुंचा दिया ज़िन्दगी ने जिसकी कल्पना भी न थी कभी
पर खो दिया उस शख्स को जिस संग ख़ाब सजाया करते थे
खो दिया है खुद को जिसे उड़ना सिखाया करते थे

पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है