कभी कभी हम कुछ ख़ाब देखते है
और एक दिन हमे लगता है वो ख़ाब पुरे हो गए
पर उसे पता है के ख़ाब अब भी अधूरे है
मुस्कराहट नहीं है होठो पर तो ख़ाब अब भी अधूरे है
बेचेन है जो मन तो ख़ाब अब भी अधूरे है
तलाश है आँखों को किसी की तो ख़ाब अब भी अधूरे है
सवालों के जवाब जो पास नहीं तो ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है
हाथ में है वो सब जिसकी चाहत थी कभी
पर पास में वो नहीं जिसे चाहा करते थे
कुछ वो शख्स मिले जिनसे मिलने का सपना था कभी
पर वो कुछ चेहरे नहीं जिन संग मुस्कराया करते थे
उस मुकाम पे पहुंचा दिया ज़िन्दगी ने जिसकी कल्पना भी न थी कभी
पर खो दिया उस शख्स को जिस संग ख़ाब सजाया करते थे
खो दिया है खुद को जिसे उड़ना सिखाया करते थे
पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है
और एक दिन हमे लगता है वो ख़ाब पुरे हो गए
पर उसे पता है के ख़ाब अब भी अधूरे है
मुस्कराहट नहीं है होठो पर तो ख़ाब अब भी अधूरे है
बेचेन है जो मन तो ख़ाब अब भी अधूरे है
तलाश है आँखों को किसी की तो ख़ाब अब भी अधूरे है
सवालों के जवाब जो पास नहीं तो ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है
हाथ में है वो सब जिसकी चाहत थी कभी
पर पास में वो नहीं जिसे चाहा करते थे
कुछ वो शख्स मिले जिनसे मिलने का सपना था कभी
पर वो कुछ चेहरे नहीं जिन संग मुस्कराया करते थे
उस मुकाम पे पहुंचा दिया ज़िन्दगी ने जिसकी कल्पना भी न थी कभी
पर खो दिया उस शख्स को जिस संग ख़ाब सजाया करते थे
खो दिया है खुद को जिसे उड़ना सिखाया करते थे
पता है उसको के ख़ाब अब भी अधूरे है
पता है खुद को के ख़ाब अब भी अधूरे है
I must say the Thought is just amazing, though I believe presentation and selection of words and rhyme as well can be much better as far as i know you as a writer.
ReplyDeleteKeep up the good work (Y)
Thanks fr advice Nishant :)
ReplyDeletewah wah !!! kya khub kaha hai aapne, shubhan allah
ReplyDeletewell all d best.... :)
Thnks Avnish :)
Deletem still waiting 4 ur new post ....?
ReplyDeleteहाथ में है वो सब जिसकी चाहत थी कभी
ReplyDeleteपर पास में वो नहीं जिसे चाहा करते थे
Wah Wah