दुनिया देखे गलत नजरो से मुझे परवाह नहीं
डर लगता है खुद की नजरो में गिर जाने से
कोई न भी दे तो साथ तो कोई गम नहीं
डर लगता है भूल कर खुद को खुद में उलझ जाने से
ये दुनिया हर हालात में मेरे साथ नहीं थी
देखा मैंने खुद को हर हाल से गुजरते है
दुनिया ने आंसू छुपाते मुस्कराते चेहरे को देखा है
देखा मने खुद को आंसुओं में भिखरते है
किसी को क्या पता किस मोड़ पे दिल दुखा था
संभाला खुद ही था खुद को उस मोड़ पर गिर जाने से
कहाँ उदास देख कर मुजको किसी ने गले से लगाया था
संभाला खुद ही था खुद को उस भीड़ में उलझ जाने से
कैसे कर लूँ उम्मीद कोई चाहेगा खुद से जादा
कायम रख लूँ खुद की चाहत इतना एहसान काफी है
कैसे कर लूँ उम्मीद कोई साथ रहेगा हर गम में
एक छोडू न खुद का हाथ इतना एहसान काफी है
दुनिया देखे गलत नजरो से मुझे परवाह नहीं
डर लगता है खुद की नजरो में गिर जाने से
कोई न भी दे तो साथ तो कोई गम नहीं
डर लगता है भूल कर खुद को खुद में उलझ जाने से
डर लगता है खुद की नजरो में गिर जाने से
कोई न भी दे तो साथ तो कोई गम नहीं
डर लगता है भूल कर खुद को खुद में उलझ जाने से
ये दुनिया हर हालात में मेरे साथ नहीं थी
देखा मैंने खुद को हर हाल से गुजरते है
दुनिया ने आंसू छुपाते मुस्कराते चेहरे को देखा है
देखा मने खुद को आंसुओं में भिखरते है
किसी को क्या पता किस मोड़ पे दिल दुखा था
संभाला खुद ही था खुद को उस मोड़ पर गिर जाने से
कहाँ उदास देख कर मुजको किसी ने गले से लगाया था
संभाला खुद ही था खुद को उस भीड़ में उलझ जाने से
कैसे कर लूँ उम्मीद कोई चाहेगा खुद से जादा
कायम रख लूँ खुद की चाहत इतना एहसान काफी है
कैसे कर लूँ उम्मीद कोई साथ रहेगा हर गम में
एक छोडू न खुद का हाथ इतना एहसान काफी है
दुनिया देखे गलत नजरो से मुझे परवाह नहीं
डर लगता है खुद की नजरो में गिर जाने से
कोई न भी दे तो साथ तो कोई गम नहीं
डर लगता है भूल कर खुद को खुद में उलझ जाने से
You are getting better and better.
ReplyDeleteThnks :)
Deleteten out f ten ..........hats off razia ....:)
ReplyDeleteThnks avnish :)
Deletem waiting for ur next poetry ................ (y)
ReplyDeleteBeautiful..vry well writtn :-)
ReplyDeleteThnks Ashish :)
Deleteawsm razia.. m proud of ur talent.. keep it up :)
ReplyDeleteThnks a lot aman :)
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