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Tuesday, 16 July 2013

जब नींद  ना आए कभी तो मुझे याद न करना
आंसूं बनकर शयद पलकों में उतर जाउंगी
कभी बेचेन जो हो दिल तो मुझे याद न करना
अब ख्यालो के सिवा कहीं और न आ पाऊँगी
कभी खाबों में भी मुझसे अब प्यार न करना
कुछ भी और नहीं बस इक दर्द देकर जाउंगी
कभी सोच कर मेरे बारे में खुद को परेशान न करना
तुम्हे उदास देख खुद को भी संभाल नहीं पाऊँगी
धोखा दिया है तुमको ये ऐतबार न करना
अब भी तुज संग राहों को मंजिल तक पहुन्चौंगी
जब नींद न आए कभी तो मुझे याद न करना
आंसूं बनकर शयद पलकों में उतर जाउंगी

5 comments:

  1. waah..kya baat hai..boht hi asaan lehze or lafzon mein bayaan krti hai aap feelings ko....boht khoobsurat likha hai...
    keep writing..and let others read your post and get mesmarised..

    shrinuj anchaliya
    www.shreenuj.blogspot.com

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