कभी धुप कभी छाओं में मुझे सहारा मिल जाता है
डूभ जाती है नाव कभी, कभी किनारा मिल जाता है
यूँ तो भरी रहती है आंखें बिना बात के भी
चोट जो लगे कभी रोने का बहाना मिल जाता है
डूभ जाती है नाव कभी, कभी किनारा मिल जाता है
यूँ तो भरी रहती है आंखें बिना बात के भी
चोट जो लगे कभी रोने का बहाना मिल जाता है
itna dard apne lafjoo main laati kahan se hai tu......ye secret hamain bhi bata do .....:p
ReplyDeleteawww ... vaise bilkul shi likha hai
ReplyDeleteThnks aman and avnish koi dard nai hai nd na koi secret
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteKUCH TOH BAAT JAROOR HAI JO TUM DUNIYA WALOON KO BYAAN IS SHAYARI KE MAADHYAM SE KARNA CHAHTI HAI .................MAT BATAO ...ITNA BHI KYA DIL MAIN CHUPA K RAKHNA ...NIKAL PHENKO AUR BATA DALO HAMAIN .....:P
ReplyDeleteVry true
ReplyDelete