Ye Ankhein or Ye Aaina
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Monday, 24 June 2013
Inspiration
एक रास्ता ख़त्म हो, नई राह खुद भ खुद तो नहीं बन जाती
अँधेरा छाया हो चारो और, रौशनी खुद तो चलकर नहीं आती
यूँ तो इतना भी मुश्किल नहीं मुश्किलों को पार करना
क्यूंकि रास्ते भी तब तक चलते रहते है जब तक मंजिल नहीं मिल जाती
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