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Saturday, 15 June 2013

कोई दीवाना कहाँ बनता

दिल ने इज़ाजत जो रब से ली न होती, तो कोई दीवाना कहाँ बनता
आँखों ने बात जो आँखों से की न होती, तो कोई नजराना कहाँ बनता
गलतिया करने का यूँ तो दिल शोकीन होता है
पर ये खता जो दिल ने की न होती, तो कोई अफसाना कहाँ बनता

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